2002 के बाद पदस्थ हुवे फॉरेस्ट अधिकारियों और कर्मचारियों का स्थानांतरण क्यों नहीं हुआ। एक ही जगह रहने से वनों का रकबा घटा वन भूमि अधिकार पत्रों की संख्या में हुआ इजाफा । इसका स्थानांतरण जरूरी क्योंकि इनकी साठ गांठ हर तबके के साथ।
2002 के बाद पदस्थ हुवे फॉरेस्ट अधिकारियों और कर्मचारियों का स्थानांतरण क्यों नहीं हुआ।
एक ही जगह रहने से वनों का रकबा घटा वन भूमि अधिकार पत्रों की संख्या में हुआ इजाफा ।
इसका स्थानांतरण जरूरी क्योंकि इनकी साठ गांठ हर तबके के साथ।
दिलीप सिंह भूरिया आजाद नगर भाभरा🖊️
जिले में वन विभाग में सन् 2002से पदस्थ एक ही जगह फॉरेस्ट गार्ड और अन्य अधिकारियों की वजह से वनों का दिन पर दिन रकबा घटा है विशेष सूत्रों के हवाले से खबर है कि इन वन बिट गार्डों की मिली भगत से 2002 के बाद कई वन क्षेत्रों में अधाधुंध वन कटाई हुई साथ ही वहां वन भूमि अधिकार पत्रों की संख्या भी बढ़ी है रिकॉर्ड वन कटाई के साथ साथ लड़की चोरी और जंगल क्षेत्रों से बड़ी मात्रा में रेत सागवान और खेर के पेड़ो की लड़की की कटाई भी बहुत हुई है इन फॉरेस्ट गार्डों के एक ही जगह पर रहने से कई वन तस्करों से इनकी अच्छी साठ गांठ हो चुकी है जिससे जंगलों की कटाई हो चाहे जंगल में नकली रेत निर्माण के अड्डे हो इनकी अंदरूनी मिली भगत सामने जरूर आई है पिछले वर्ष वन क्षेत्रों में असंख्य नकली रेत निर्माण के अड्डे निर्मित किए गए थे जिसमें रेत माफियाओं द्वारा कई मीटर तक फॉरेस्ट क्षेत्र की मिट्टी खोद कर नकली रेत निर्माण किया जा रहा था जिसमें कई नकली रेत माफियाओं के नाम भी सामने आए थे जिसके बाद भी फारेस्ट विभाग ने जो कार्यवाही की वो सिर्फ छोटे और कमजोर लोगों पर की नकली रेत बनाने वाले असली माफिया आज भी खुले आम घूम रहे है जिनके वाहनों में जेसीबी और ट्रैक्टर आदि अभी भी जप्त नहीं किए गए ।।जिला वन परिक्षेत्र कार्यालय पर इनकी नियुक्ति आदेश की दिनांकों की जांच की जाए तो जिले में ऐसे कई फॉरेस्ट गार्ड है जिनका प्रमोशन भी हो चुका है फिर भी उनकी नियुक्ति उसी मुख्यालय पर ही हैं।जिसका कारण क्या है अन्य नौकरियों में प्रमोशन के बाद उनका स्थानांतरण कर दिया जाता है लेकिन फॉरेस्ट गार्डों पर सरकार और अधिकारी इतने मेहरबान क्यों है जिले के वनों को अभी भी सुरक्षित करना है तो इसकी जानकारी निकालकर इनका स्थानांतरण करना जरूरी है ।।क्योंकि की इतने वर्षों तक तक ही स्थान पर रहकर इनका सभी प्रकार के लोगो से पहचान और मिली भगत से इनके अंदरूनी अनेक काले कारनामे बाहर ही नहीं आते जिले में इनके एक ही स्थान पर रहने से पेड़ो की कटाई लगातार हो रही है लोग वाहनों से जंगल कटाई कर रहे है और सैकड़ों पेड़ और हजारों बॉस की कटाई पिछले दिनों में वन क्षेत्रों में हुई है जिसका आज तक कोई सुराग नहीं और अपराधी आज भी खुले घूम रहे होंगे ।।ऐसे ही वन कर्मियों और फॉरेस्ट बीट गार्डों का तत्काल स्थानांतरण करना चाहिए ताकि इनका और माफियाओं का आपसी तालमेल टूटे।