जोबट से मुकेश राठौड़ की रिपोर्ट
मुक्तिधाम भी नहीं बचा — आरईएस पर फिर उठे सवाल, बडी खट्टाली में निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर ग्रामीणों का आरोप
आलीराजपुर/बडी खट्टाली।
जिले में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को लेकर एक बार फिर ग्रामीणों में नाराज़गी है। ग्राम बडी खट्टाली में करीब 80 लाख रुपये की लागत से बन रही मुक्तिधाम की रिटेनिंग वॉल पर आरईएस विभाग के कामकाज पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
ग्रामीणों व समाजसेवियों का आरोप है कि उक्त निर्माण कार्य में मानकों की अनदेखी कर जल्दबाज़ी में कार्य किया जा रहा है। बताया गया है कि जिस नींव की गहराई 3 से 4 मीटर होनी थी, उसे महज़ 3 से 4 फीट गहराई तक ही भरवा दिया गया, जिससे दीवार की स्थायित्व और भविष्य पर संदेह जताया जा रहा है।
बरसात में मिट्टी कटाव रोकने और सौंदर्यीकरण के उद्देश्य से यह प्रस्ताव ग्रामीणों की पहल पर स्वीकृत कराया गया था। स्थानीय लोगों ने इसके लिए भोपाल तक संपर्क साधा और मंत्री से लेकर विभागीय अधिकारियों को अवगत कराया। मंत्री के हस्तक्षेप के बाद योजना को स्वीकृति मिली, लेकिन काम की गति और गुणवत्ता पर अब ग्रामीणों को भरोसा नहीं रह गया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह भी कहना है कि स्थानीय ठेकेदारों की बजाय बाहरी ठेकेदारों से साठगांठ कर कार्य कराया जा रहा है, और यह संदेह बढ़ा रहा है कि कहीं इसमें आर्थिक अनियमितता तो नहीं हो रही।
समाजसेवी और ग्रामीणों ने कलेक्टर एवं संबंधित मंत्री से जल्द मुलाकात कर पूरे मामले की जांच की मांग करने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि यह मामला सिर्फ एक गांव का नहीं बल्कि संपूर्ण जिले में हो रहे निर्माण कार्यों की पारदर्शिता और गुणवत्ता से जुड़ा है।
“सरकार से उम्मीद थी कि नए मंत्री के आने के बाद व्यवस्था सुधरेगी, लेकिन यहां तो पुराने अधिकारी फिर से मनमानी पर उतर आए हैं,” — सूत्रो के अनुसार
अब देखना यह होगा कि संबंधित विभाग इस शिकायत पर क्या कार्रवाई करता है और क्या इस योजना को बचाया जा सकेगा।