छह दिवसीय एंटरप्रेन्योरशिप वर्कशॉप में कारीगरों को सिखाए व्यापार के गुर
ग्रामीण आदिवासी हस्तशिल्पियों को मिला उद्यमिता का मंत्र,छह दिवसीय वर्कशॉप का समापन
सुनील तोमर आलीराजपुर 🖊️
आलीराजपुर। क्वेंट आर्ट एंड क्राफ्ट प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड आलीराजपुर द्वारा आयोजित एवं विकास आयुक्त हस्तशिल्प वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रायोजित छह दिवसीय एंटरप्रेन्योर डेवलपमेंट प्रोग्राम का समापन 1मार्च 2025 को होटल साई रिसोर्ट में आलीराजपुर में सम्पन्न सम्पन्न हुआ।इस कार्यशाला में अलीराजपुर एवं अन्य गांवों के आदिवासी गल्सन एवं हार बनाने की कार्यशाला में ट्राइबल ज्वैलरी शिल्प से जुड़े 20 पंजीकृत हस्तशिल्पियों ने भाग लिया। छह दिनों तक चली इस कार्यशाला में भोपाल एवं इन्दौर से आए विशेषज्ञों ने विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिए, जिससे ग्रामीण आदिवासी अंचल के इन हस्तशिल्पियों को उद्यमिता के गुर सिखाए गए। विशेषज्ञों ने विस्तार से बताया कि सफल उद्यमी बनने के लिए किन- किन चीजों की आवश्यकता होती है और बाजार में कैसे अपनी पहचान बनाई जा सकती है।
कार्यक्रम के दौरान छह विषय विशेषज्ञों ने प्रत्येक दिन अलग-अलग विषयों पर जानकारी दी। हितग्राहियों को मार्केटिंग, जीएसटी, डिजिटल प्लेटफॉर्म केवाईसी, जेम पोर्टल, बैंक लोन सहित अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रशिक्षण दिया गया। भोपाल से आईं विशेषज्ञ एवं विकास आयुक्त हस्तशिल्प वस्त्र मंत्रालय में डिजाइनर सुश्री नीलम शर्मा ने डिजाइनिंग के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी और इसमें आने वाली चुनौतियों के समाधान हेतु सुझाव दिए गए । विशेषज्ञ देवेन्द्र सिंह एंपेनल्ड डिजाइनर विकास आयुक्त वस्त्र मंत्रालय ने बताया कि बाजार की आवश्यकताओं के अनुसार डिजाइन और डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग कैसे किया जा सकता है। जीएसटी विशेषज्ञ हिमांशु वर्मा ने जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेजों और इससे मिलने वाले लाभों पर विस्तार से जानकारी दी।
क्वेंट प्रोड्यूसर कंपनी के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर जय कुमरावत ने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य क्लस्टर से जुड़े ग्रामीण आदिवासी हस्तशिल्पियों को उद्यमी बनाना है, जिससे वे स्वयं का व्यवसाय स्थापित कर सकें और समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें। कार्यक्रम के दौरान सहायक निदेशक हस्तशिल्प विकास आयुक्त हस्तशिल्प वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार इंदौर से श्रीमति अर्पणा देशमुख ने बताया कि भारत सरकार समय-समय पर ग्रामीण अंचलों और जिला स्तर पर इस तरह की कार्यशालाओं का आयोजन करता रहता है, ताकि स्थानीय हस्तशिल्पी राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अपने व्यवसाय को बढ़ा सकें।