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दिलीप सिंह भूरिया आजाद नगर
चंद्रशेखर आजाद नगर क्षेत्र के ग्राम काकड़बारी के बामनिया फलिया में निस्तार तालाब स्वीकृत हुआ है। इसके दो फायदे होंगे पहला ग्रामीणों को सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा जबकि दूसरा तालाब निर्माण में काम करने वाले ग्रामीणों को मजदूरी मिल सकेगी। लेकिन तालाब निर्माण करने वाला ठेकेदार नियमों को ताक में रखकर मशीनों से काम करवा रहा है।
दरअसल, चंद्रशेखर आजाद नगर भाभरा जनपद क्षेत्र के ग्राम काकड़बारी के बामनिया फलिया में बाहरी ठेकेदारों के साथ मिलकर ग्रामीणों को मजदूरी पर नहीं लगाया जा रहा। बाहरी ठेकेदारों की बड़ी बड़ी मशीनों और पोकलेन, ट्रैक्टर और ट्रकों के साथ तालाबों का निर्माण किया जा रहा है। आरईएस विभाग द्वारा 74 लाख की लागत से बड़ा तालाब बामनिया फलिया में बनाया जा रहा है। इस तालाब में मजदूरों की बजाए पोकलेन से काम किया जा रहा है।
मशीनों से काम होगा तो आम लोगों काे रोजगार नहीं मिलेगा। गौरतलब है कि पिछले दिनों इन तालाबों का भूमिपूजन कैबिनेट मंत्री नागर सिंह चौहान, सांसद अनिता चौहान और विधायक सेना पटेल ने किया था। तब नेताओं ने कहा था कि इस तालाब के निर्माण से ना सिर्फ सिंचाई के लिए पानी मिलेगा बल्कि ग्रामीणों को गांव में ही मजदूरी भी मिल जाएगी, जिससे ग्रामीणों को मजदूरी के लिए अपना घर छोड़कर गुजरात नहीं जाना पड़ेगा। लेकिन अधिकारियों की अनदेखी के कारण ठेकेदार के हौसले भी बुलंद है। वे मजदूरों की बजाए मशीनों से तालाब का निर्माण कर मजदूरों के हक को मार रहे हैं। जिला प्रशासन को तुरंत इन पोकलेन और ट्रकों को जब्त कर उचित कार्रवाई करना चाहिए।
मामले में जब आरईएस ईई एचएस भावेल से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि मैं मामले को दिखवाता हूं।