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क्याl मां की मौत की कीमत लगा रहे थे डॉक्टर मन्नालाल चोपड़ा ।
कलयुग के श्रवण ने ठुकराई राशि ओर मां की मौत के जिम्मेदारों को मिले सजा, इस घटना के बाद भी चुपचाप रुपए देते समय आशु छुपाकर भी नहीं छुपा पाया बेटा ।
दिलीप सिंह भूरिया आजाद नगर 🖊️
जिस प्रकार सतयुग में श्रवण कुमार ने चोरों धाम की यात्रा करवाने के लिए अपने मां बाप को एक पालकी में बैठाकर तीर्थ करवाने निकले थे और रास्ते में अपनी जान एक तीर लगने के गवा दी जिससे उसके माता और पिता को तीर्थ दर्शन नहीं करवा सके ।
वैसे ही कलयुग के एक बैठे ने अपनी मां दली निनामा की आंखों की रोशनी वापस आ जाए ओर उसकी मां दली निनामा दोबारा दुनिया की खूबसूरती देख सके उसकी मन में आशा लिए अपनी मां का मोतियाबिंद का ऑपरेशन करवाने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चंद्रशेखर आजाद नगर भाभरा लाया था

जिसके ऑपरेशन के लिए इंदौर चोइथराम नेत्रालय हॉस्पिटल भेजा था लेकिन सूत्रों के हवाले ओर भाभरा हॉस्पिटल के डॉक्टरों ओर स्टॉप के अनुसार साथ ही मृतक के पुत्र पारू पिता कालिया निनामा के अनुसार उनकी तबियत अचानक खराब हुई और उनकी मौत हो गई जिसके बाद मृतक के बेटे और उसकी बहु को छोड़ कर उनकी मां के शव को अस्पताल प्रबंधन के द्वारा किसी अज्ञात जगह भेजा जाने लगा तभी बेटे पारू के जबरन विरोध करने के बाद मां के शव के साथ उसको ओर उसकी पत्नी को एक एम्बुलेंस में बैठकर वापस खेरियामली घर भेज दिया ।

जिसके बाद भाभरा हॉस्पिटल पर उसके शव का पोस्टमार्टम करने की प्रक्रिया शुरू होती है जिसके बाद चुपचाप डॉक्टर मन्नालाल चोपड़ा ने एक बेटे के ईमान की कीमत लगानी चाही और उसको चुपचाप मामला निपटाने की बात की ओर राशि भी दी गई लेकिन इस कलयुग के श्रवण कुमार ने अपनी मां की।मौत की कीमत लगाने वाले डॉक्टर को सबके सामने उसके दिए हुवे रुपए वापस लौटा दिए ।लेकिन आज इस बात को ओर इस घटना का वीडियो खबरों ओर सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद भी जिला प्रशासन और जिला स्वास्थ्य अधिकारियों ने डॉक्टर के खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं की ओर उसने द्वारा अगर कोई लापरवाही नहीं की गई थी तो रुपए किस बात के दिए अगर डॉक्टर मुन्नूलाल चोपड़ा से कोई गलती हुई है तो उसके खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए जबकि आज दिनांक तक कुछ भी नहीं होना कही ना कही प्रशासन की भी कमी नजर आ रही है आगे इंतजार रहेगा कि डॉक्टर मुन्नूलाल चोपड़ा के खिलाफ क्या वैधानिक कार्यवाही होती है ।।
जब भी जनसेवा निजहित खातिर व्यवसाय बन जाए, जिम्मेदार सेवकों पर सजा निर्धारित होनी चाहिए।