प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सोरवा में असुविधाओं को लेकर जयस ने किया धरना-प्रदर्शन
अनुविभागीय अधिकारी के नाम तहसीलदार को सौंपा छः सूत्रीय ज्ञापन
सुनील तोमर 🖋️
आलीराजपुर: जयस आदिवासी युवा शक्ति (जयस) के नेतृत्व में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सोरवा में विभिन्न समस्याओं और असुविधाओं को लेकर अस्पताल के सामने जयस जिलाध्यक्ष अरविंद कनेश एवं क्षेत्र के युवा, पंच, सरपंच, पटेल और आम जनता के साथ धरना-प्रदर्शन किया गया। धरने पर बैठे लोग तब तक टेंट लगाकर बैठे रहे, जब तक जिम्मेदार अधिकारी नहीं पहुंचे। प्रशासन की ओर से कठ्ठीवाड़ा तहसीलदार हर्शल बहरानी और ब्लाक मेडिकल ऑफिसर दीपक पटेल धरना स्थल पर पहुंचे। उनके सामने अस्पताल की समस्याओं को लेकर युवा आक्रोशित हुए और छः सूत्रीय ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के नाम तहसीलदार को सौंपा। अधिकारियों के आश्वासन के बाद धरना समाप्त किया गया।
जयस जिलाध्यक्ष अरविंद कनेश ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सोरवा के अंतर्गत लगभग 35-40 गांव आते हैं। क्षेत्र की आम जनता को सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है, इसलिए जनता आक्रोशित है। प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है, इसलिए मजबूरन क्षेत्र की आम जनता, युवा, सरपंच, पंच, पटेल आदि धरने पर बैठे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि समस्याओं का तत्काल निराकरण नहीं किया गया तो जयस के नेतृत्व में जिला कलेक्ट्रेट का घेराव कर उग्र आंदोलन किया जाएगा।
ज्ञापन में मुख्य मांगे :
1. सोरवा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, जो सुदूर पहाड़ी और घने जंगल क्षेत्र में स्थित है, वहाँ के ग्रामीण गंभीर स्थिति में भी इलाज के लिए आते हैं। 108 एम्बुलेंस और अन्य चिकित्सा सुविधाओं की कमी के कारण ग्रामीणों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। तत्काल डायल 108 और एम्बुलेंस की व्यवस्था की जाए। गाँवों में 108 सेवा की पहुँच सुनिश्चित की जाए, ताकि ग्रामीणों को इसका लाभ मिल सके।
2. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सोरवा में मात्र 2 स्टाफ नर्स हैं, जिससे सामान्य और इमरजेंसी इलाज के साथ ही महिलाओं की डिलीवरी में कठिनाई होती है। केंद्र पर स्टाफ नर्स की संख्या बढ़ाई जाए।
3. केंद्र में साफ-सफाई और सुरक्षाकर्मी की कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे चारों ओर गंदगी रहती है और रात में मरीजों के सामान और गाड़ियों की चोरी का डर बना रहता है।
4. एक्सीडेंट या अन्य चोट के मामलों में एक्स-रे मशीन न होने के कारण मरीजों को जिला अस्पताल या अन्यत्र रेफर किया जाता है, जिससे गरीब जनता को आर्थिक बोझ उठाना पड़ता है। केंद्र पर ही एक्स-रे मशीन की तत्काल व्यवस्था की जाए।
5. रात के समय में इमरजेंसी मामलों के दौरान डॉक्टर के वहाँ निवास न करने से कई मरीजों की जान जा चुकी है। डॉक्टर की निवास व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
6. पहले पोस्टमार्टम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सोरवा में ही किया जाता था, लेकिन अब इसे विकासखंड मुख्यालय या जिला अस्पताल में करना पड़ता है, जिससे गरीब जनता को शव को ले जाने में कठिनाई होती है। इसे पुनः केंद्र पर शुरू किया जाए। इसके अलावा, खून, पेशाब, और अन्य जाँचों के लिए भी मरीजों को बाहर रेफर किया जाता है। केंद्र पर ही सभी जाँच की व्यवस्था की जाए।
इस अवसर पर कुलदीप किराड (सरपंच सोरवा), संजय रावत (सरपंच सुमनियावाट), नीलेश रावत (सरपंच पिथनपूर), विक्रम बामनिया (बोकड़िया), जितेंद्र किराड, सलमान मकरानी, विकास किराड, नानसिंग चौहान, लालू चौहान, और अन्य लोग उपस्थित थे। सभी ने प्रशासन से मांग की कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाए, ताकि क्षेत्र की जनता को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल सके।