Monday, July 14, 2025

पुनियावाट गाँव में पुलिया न होने से ग्रामीणों की बढ़ी मुश्किलें, बच्चे जान जोखिम में डालकर कर रहे नदी पार

जिला संवाददाता सुनील तोमर के साथ मुकेश राठौर की रिपोर्ट🖊️

मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार गत 20 वर्षों से प्रदेश में शासन कर रही है वही अपने जनहित ऐसी कार्य की बड़ी-बड़ी बातें करने वाली पार्टी के शासन मे अलीराजपुर जिले में विकास की रहा आज भी कई ऐसे क्षेत्र है जो विकास की राह देख रहे हैं इन्हीं में से एक कठ्ठीवाड़ा ब्लॉक के ग्राम पुनियावट क्षेत्र की स्थिति से हम आपको अवगत कराते हैं

 

अलीराजपुर जिले की जोबट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कठ्ठीवाड़ा ब्लॉक के पुनियावाट पंचायत के दसहरा फलियां गाँव के निवासी पुलिया न होने के कारण गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं। ग्रामीणों के लिए यह समस्या लंबे समय से चिंता का विषय बनी हुई है, और अब स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि यहाँ के लोग असुविधा से त्रस्त हो गए हैं। सबसे बड़ी समस्या स्कूल जाने वाले लगभग 200 बच्चों की है, जिन्हें नदी पार करके स्कूल जाना पड़ता है। इस नदी को पार करना बच्चों के लिए जोखिम भरा और खतरनाक साबित हो रहा है, फिर भी उन्हें अपनी शिक्षा के लिए हर दिन यह जोखिम उठाना पड़ता है।
गाँव की मुख्य सड़कों तक पहुंचने के लिए भी यही रास्ता है, लेकिन पुलिया न होने के कारण मोटरसाइकिल या अन्य छोटे वाहन भी इस रास्ते से गुजरने में असमर्थ हैं। यहाँ तक कि आपातकालीन सेवाएं, जैसे डायल 100 और जननी एम्बुलेंस, इस गांव तक नहीं पहुंच पातीं। इससे बीमार और गर्भवती महिलाओं को समय पर चिकित्सा सहायता नहीं मिल पाती, और कई बार यह असुविधा जानलेवा भी साबित हो सकती है।
इस पुलिया की कमी के कारण न केवल ग्रामीणों का रोजमर्रा का जीवन प्रभावित हो रहा है, बल्कि सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में भी बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी योजनाओं के तहत जब घर बनाने के लिए सामग्री लाने की बात आती है, तो पुलिया न होने के कारण सामग्री गाँव तक पहुंचाना बेहद मुश्किल हो जाता है। ग्रामीणों के लिए यह एक गंभीर समस्या बन गई है, क्योंकि बिना उचित मार्ग के, वे अपने घरों का निर्माण या अन्य आवश्यक काम समय पर नहीं कर पा रहे हैं।
ग्राम पंचायत में पुलिया की समस्या को लेकर कई बार आवेदन दिया जा चुका है, लेकिन अब तक सरकार से कोई मदद नहीं मिली है। गाँव के लोग कई बार अपनी मांगों को लेकर प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। इससे ग्रामीणों में आक्रोश और असंतोष बढ़ता जा रहा है।
इस समस्या से त्रस्त होकर गाँव के सभी परिवारों ने मिलकर अब जिला प्रशासन तक अपनी बात पहुँचाने का निर्णय लिया है। वे जिला कलेक्टर से मुलाकात करने के लिए तैयार हैं, ताकि उनकी समस्याओं को सुना जा सके और पुलिया का निर्माण जल्द से जल्द कराया जा सके। इस बारे में गाँव के निवासी अमित बामनिया का कहना है कि अब तक सरकार ने उनके गाँव में कोई भी ठोस काम नहीं किया है। पुलिया के अभाव में यहाँ के लोग लंबे समय से मुश्किलों का सामना कर रहे हैं, लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।

ग्रामीणों का कहना है कि जब तक इस समस्या का समाधान नहीं होता, तब तक वे संघर्ष करते रहेंगे। बच्चों की शिक्षा और ग्रामीणों की दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए पुलिया का निर्माण अत्यंत आवश्यक है। इसके बिना गाँव के लोगों को अन्य जरूरी सेवाओं का लाभ नहीं मिल सकता, और उनकी जिंदगी और भी कठिन हो जाएगी।
ग्रामीणों ने इस बात पर जोर दिया है कि यदि उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं, तो वे अपने बच्चों के साथ जिला प्रशासन के सामने धरना देंगे। उनका मानना है कि पुलिया का निर्माण केवल एक बुनियादी जरूरत नहीं, बल्कि उनके जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि प्रशासन उनकी समस्याओं को समय रहते नहीं सुनता, तो स्थिति और बिगड़ सकती है, जिससे न केवल गाँव के लोग, बल्कि पूरे क्षेत्र में इसका असर देखने को मिल सकता है।
इस पुलिया की आवश्यकता को पूरा करना न केवल ग्रामीणों की सुविधा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे उनका जीवन सुरक्षित और सुगम हो सकेगा। ग्रामीणों को उम्मीद है कि प्रशासन उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करेगा और जल्द ही इस समस्या का समाधान निकालेगा, ताकि उनके बच्चे सुरक्षित रूप से स्कूल जा सकें और गाँव के लोग अपने रोजमर्रा के कार्यों को बिना किसी कठिनाई के पूरा कर सकें।

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